मुलाकात
किताबों से रिश्ते को बयां करने की एक कोशिश
हमसफ़र थी कभी
अब कहीं साथ नहीं
अब वो टूटा सा लगता है
एक वक़्त था
जब रिश्ता बड़ा गहरा था अपना
तू नाराज़ है शायद आजकल
तभी तो मुलाकातें होती नहीं
तुम एक मुक्कमल सच थी
जब कोई साथ ना था
तब तुम ही साथ थी
शॉर्टकट के फेर ने
अपनी कहानी को कुछ यूं
मुक्तसर कर दिया
अब रूबरू हो जाए
ऐसी भी कोई वज़ह नहीं
वो भी एक वक्त था
जब तुम्ही में जीते थे
कुरेद कर तुम्हीं को
एक उम्र तलाश लूं
बस इतनी ही ख़्वाहिश होती थी
जाने कब और जानें कैसे
इतनी दूरियां बढ़ गयी हमारी
क्लिक और स्क्रॉल ने
तुम्हें कैद कर लिया है शायद
5'6 इंच के एक एप में
तुम्हें बन्द कर दिया है
मैं मुलाकातों का सिलसिला
फ़िर से शुरू कर लूं
बस तुम यकीन दिला दो
उस पार एक ख़त पहुँचाना है
वो आज भी तुमसे वही राब्ता है
तुम्हीं ने कहानी शुरू की थी
अब एक मोड़ तक मेरा साथ दोगी क्या
बहुत सारे पन्नों से होकर
गुज़र रहा सफ़र वेद
वक़्त की शाख़ से एक लम्हा
कुछ नई कहानियों के लिए ले आते है
-वेद
हमसफ़र थी कभी
अब कहीं साथ नहीं
अब वो टूटा सा लगता है
एक वक़्त था
जब रिश्ता बड़ा गहरा था अपना
तू नाराज़ है शायद आजकल
तभी तो मुलाकातें होती नहीं
तुम एक मुक्कमल सच थी
जब कोई साथ ना था
तब तुम ही साथ थी
शॉर्टकट के फेर ने
अपनी कहानी को कुछ यूं
मुक्तसर कर दिया
अब रूबरू हो जाए
ऐसी भी कोई वज़ह नहीं
वो भी एक वक्त था
जब तुम्ही में जीते थे
कुरेद कर तुम्हीं को
एक उम्र तलाश लूं
बस इतनी ही ख़्वाहिश होती थी
जाने कब और जानें कैसे
इतनी दूरियां बढ़ गयी हमारी
क्लिक और स्क्रॉल ने
तुम्हें कैद कर लिया है शायद
5'6 इंच के एक एप में
तुम्हें बन्द कर दिया है
मैं मुलाकातों का सिलसिला
फ़िर से शुरू कर लूं
बस तुम यकीन दिला दो
उस पार एक ख़त पहुँचाना है
वो आज भी तुमसे वही राब्ता है
तुम्हीं ने कहानी शुरू की थी
अब एक मोड़ तक मेरा साथ दोगी क्या
बहुत सारे पन्नों से होकर
गुज़र रहा सफ़र वेद
वक़्त की शाख़ से एक लम्हा
कुछ नई कहानियों के लिए ले आते है
-वेद
Kitabon ko padne ka maja unhe pas rakhkar padne me hi h...
ReplyDeleteVery nice Vedant
ReplyDeleteGreat emotions after a long time
ReplyDeleteSuperhit
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