किराये के दोस्त
किराये के दोस्त ढूंढ़ रहा हूँ
फेसबुक पर मिलते है कही सुना है मैंने
एंजेल प्रिया के नाम से
ऑलवेज अवेलेबल का टैग लिए
साथ खुश होते है
साथ रोते है
कुछ कुछ तो साथ सोते भी है
यार एक दोस्त मेरा भी था
पता ही नहीं कहाँ खो गया
इस हज़ारो की फ़्रेंड लिस्ट में
पता नहीं कब स्किप हो गया
तो अब किराये के ढूंढता हूँ
जो थे अपने वो जाने क्यों दूर हो गये
कुछ ने अन फ्रेंड कर दिया
तो किसी ने बेवजह ही ब्लोक किया
सोचता हूँ किराये के ही अच्छे है
चुप चाप सारी बातें मान लेंगे
बराबर से फ़ोटो लाइक करेंगे
कुछ देर मैसेज के रिप्लाई भी करेंगे
अब झूठ सच में रखा ही क्या है
कौन दोस्ती दोस्त होने के लिए
करता है यहाँ
इसलिए सोचता हूँ किराये के खरीद लूँ
-- वेद
Je,sahi baat .��.,,.lots of reality exist in your words .,,.intresting, joyful, nice,beautiful, truly&gorgeous lines....,,
ReplyDeleteNice bhai
ReplyDeleteNice one truly said
ReplyDeleteI agreed
I agreed bhai
ReplyDeletesahi h bhai
ReplyDeletesuperb
Gjb bhai keep writing
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