एक कहानी













मैं 
शांत 
अवाक सा 
देख रहा हूँ
मेरे भीतर के मौन को 
और लिख रहा हूँ 
एक 
अनकही 
अनसुनी कहानी 

कहानी में एक किरदार है 
जो नहीं चाहता था 
उसका लिखा जाना 
पर उसकी ज़िद मानी नहीं गई 
कभी नायक के बिना 
कोई कहानी देखी है 

मैंने लिख दिया 
मेरा घण्टों 
मोबाइल में ताकते रहना 
और लिखा 
किताबों में 
मिले सूखे हुए फूल 
एक तस्वीर भी लिख दी 
जो टाइम मशीन सी लगती है मुझे 
उसके आसपास भी कई सारी कहानियाँ है 
मैं हल्की सी मुस्कान लिए 
लिख रहा हूँ एक कहानी 
-वेद 

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