दोस्त वाली कहानी

कभी कभी क्या होता है ये हम नहीं जानते है । पर जो हमारे आसपास होता है, वो हमेशा हमारी कहानी नहीं होती। होता है तो बस उन कहानियों में हमारा तुम्हारा एक अक्स। ताज्जुब की बात है ना कि हम इतना बिखरे से रहने लगे है। फ़रेब और झूठ से भरी एक ज़िंदगी है और बिख़रा  हुआ सा एक शक़्स। आज जब तुमने वो तुम्हारे दोस्त वाली कहानी बताई थी न तो लगा जैसे कि ये सब कहीं सुन रखा है।

अच्छा सुनो,
ये जो तुम्हारे दोस्त वाली कहानी है ना
ऐसा लगता है बहुत बार जैसे ये तो वही कहानी थी जो होंठों तक आई नहीं
जो हमनें तुमसे कहनी चाही पर कभी कही नहीं

उस कहानी में फ़िर तुमसा भी कुछ होगा
वो बातें वो मुस्कान सब कुछ होगा
थोड़ा थोड़ा सा तुम्हारे होने का एहसास भी होगा
पर अफ़सोस तुम नहीं होंगे

कितनी अजीब बात है ना वेद
किसी औऱ की कहानी है
और क़िरदार हम दोनों के

--वेद 

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