बाकी है

मुस्करा कर ही तो गुजरे है अभी
खुशियों के काफ़िले अभी बाकी है
नज़रो से ही तो बस इकरार हुआ था
ज़ुबान से निकले वो इश्क़ अभी बाकी है
कहनो को बातें बहुत है तुमसे
पर खामोशी से गुज़र जाए वो शामें अभी बाकी है

अभी अभी तो शाम हुई है वेद
चांद का सितारों के लिए पैग़ाम अभी बाकी है

-वेद

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